
नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय पलामू में आज ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के सैकड़ों छात्रों ने अनियमित और लेट सेशन की समस्या के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया। छात्रों ने जीएलए कॉलेज से मार्च शुरू करते विश्वविद्यालय प्रशासनिक तक रैली एवं घेराव किया। यूनिवर्सिटी घेराव के बाद छात्रों की ओर से कुलपति को मांग पत्र सौंपा गया है।

आइसा के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस आंदोलन का नेतृत्व आइसा जिला सचिव गौतम दांगी, आइसा नेता अभय सिंह दांगी, अनंत तिवारी और कौशिक दुबे ने संयुक्त रूप से की। छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर तीखे आरोप लगाते हुए कहा कि लगातार अनियमित सत्र अब छात्रों के शैक्षणिक भविष्य के साथ खिलवाड़ की तरह है। आइसा जिला सचिव गौतम दांगी ने कहा, “यूजी सत्र 2021-24 के सेमेस्टर 5 की परीक्षा अभी तक आयोजित नहीं हो पाई है, 2022-26 के सत्र में केवल दो सेमेस्टर परीक्षाएँ हुई हैं, जबकि सत्र 2023-27 में सिर्फ एक सेमेस्टर की परीक्षा हुई है। सत्र 2024-28 की तो शुरुआत भी नहीं हो पाई है। विश्वविद्यालय एक वर्ष में एक भी सेमेस्टर की परीक्षा नहीं करवा पा रहा है, जिससे चार वर्षीय पाठ्यक्रम पूरा करने में छात्रों को कई साल लग रहे हैं। यह स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और विश्वविद्यालय प्रशासन की असफलता को स्पष्ट रूप से उजागर करती है।
आंदोलन कर रहे गौतम दांगी ने कहा कि विश्वविद्यालय के उस आदर्श के मायने अब कहीं खो गए हैं, जिस पर इसकी स्थापना की गई थी। सरकार नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के माध्यम से छात्रों की भलाई का वादा करती है, लेकिन धरातल पर स्थितियाँ इसके बिलकुल विपरीत हैं। सरकार नहीं चाहती कि छात्र पढ़ें, क्योंकि शिक्षित युवा सवाल उठाते हैं और नौकरी की माँग करते हैं। इसी कारण जानबूझकर शिक्षा व्यवस्था को कमजोर किया जा रहा है, ताकि युवा मजबूरी में श्रमिक बनें।
छात्र नेताओं ने यह भी उठाया कि विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों की भारी कमी है। जीएलए कॉलेज के इकोनॉमिक्स और जुलाऊजी विभाग में एक भी प्रोफेसर की नियुक्ति नहीं हो पाने के कारण छात्रों को उचित मार्गदर्शन नहीं मिल रहा है, जिससे उनकी शैक्षणिक स्थिति गंभीर संकट में है। विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बिल्कुल निष्क्रिय बना हुआ है।
छात्रों की मांग है कि सेशन को नियमित किया जाए, प्रत्येक पाठ्यक्रम की समय पर परीक्षा आयोजित की जाए और परीक्षा परिणाम निर्धारित समय पर घोषित किए जाएं, ताकि छात्रों का भविष्य बाधित न हो। साथ ही, विश्वविद्यालय प्रशासन को पारदर्शी और जवाबदेही के साथ कार्य करना चाहिए तथा शिक्षकों और कर्मचारियों की रिक्तियों को अविलंब पूरा किया जाना चाहिए।
यदि इन गंभीर समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो छात्र आंदोलन और तेज किया जाएगा। मौके पर नीतीश यादव, रौशन दुबे, राहुल पाठक, आयुष दुबे , रंजन मुकेश, सोनू,बिपिन आदि लोग मौजूद थे।