
झारखंड में निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2024 लागू हो चुका है। इसके साथ ही निजी विश्वविद्यालय खोलने या संचालित करने के लिए जरूरी मानकों को बदल दिया गया है। नए अधिनियम के अनुसार अब नगर निगम क्षेत्र में न्यूनतम 5 एकड़ जमीन के साथ 10 करोड़ के फंड की आवश्यकता होगी। ठीक इसी तरह नगर निगम क्षेत्र से बाहर निजी विश्वविद्यालयों को 15 एकड़ जमीन के साथ 7 करोड़ के फंड की आवश्यकता होगी।

झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने झारखंड निजी विश्वविद्यालय विधेयक 2024 पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके प्रावधानों में निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उपलब्ध जमीन में 12 हजार वर्ग मीटर में पुस्तकालय, व्याख्यानशाला, सभागार, विद्यार्थी संसाधन केंद्र, खेल सुविधा, प्रयोगशाला सहित प्रशासनिक एवं अकादमिक भवन बनाने होंगे। निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए आवेदन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होगा, जिसके लिए पांच लाख रुपये का शुल्क भी निर्धारित किया गया है।
महत्वपूर्ण बात है कि यह अधिनियम पुराने निजी विश्वविद्यालयों पर भी पूरी तरह लागू होंगे। वर्तमान में पहले से ही 19 विश्वविद्यालय झारखंड राज्य में मौजूद हैं जिनपर यह नया अधिनियम लागू हो चुका है। नए विश्विद्यालय के गठन के लिए जांच समिति का गठन किया जाएगा जिसमें स्थानीय विधायक और स्थानीय सांसद को सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा जिसकी अध्यक्षता उच्च शिक्षा निदेशक करेगा।