
मेदिनीनगर नगर निगम में चल रहे कार्यों में अनियमितता, भ्रष्टाचार और मनमानी को लेकर अब बड़ा खुलासा हुआ है। निगम के सहायक नगर आयुक्त पर व्यक्ति विशेष से प्रभावित होकर अनैतिक निर्णय लेने और वित्तीय नियमों की अनदेखी करने के गंभीर आरोप लगे हैं।
हाल ही में ₹2 करोड़ 49 लाख की स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना में भारी गड़बड़ी सामने आई, जिसमें टेंडर की शर्तों को दरकिनार किया गया। कार्य न तो गुणवत्तापूर्ण हुआ और न ही सप्लाई मानकों पर खरी उतरी। इतना ही नहीं, जिस पदाधिकारी को वित्तीय निर्णय लेने का अधिकार नहीं था, उसने निविदा तय करने और वित्तीय मंजूरी देने जैसे गंभीर कृत्य किए।
शहर में बढ़ती अव्यवस्था और भ्रष्टाचार को देखते हुए व्यापार मंडल के प्रतिनिधि मंडल — जिसमें श्रवण गुप्ता, गौरी शंकर गुप्ता सहित कई सदस्य शामिल थे — ने युवा समाजसेवी आशीष भारद्वाज के नेतृत्व में रांची जाकर नगर विकास एवं आवास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री महोदय को सहायक नगर आयुक्त की कार्यशैली, वित्तीय अनियमितताओं और मनमानी के बारे में विस्तृत जानकारी दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने सहायक नगर आयुक्त का तत्काल तबादला करने का आदेश जारी किया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए आशीष भारद्वाज ने कहा,
“सहायक नगर आयुक्त की कार्यप्रणाली पूरी तरह व्यक्ति विशेष से प्रभावित रही है। कुछ पूंजीपतियों को लाभ पहुँचाने की मंशा से वे लगातार अनैतिक निर्णय ले रहे थे। जब हमने उनसे संवाद करने की कोशिश की, तो उनका रवैया अहंकारी रहा, मानो वे किसी सल्तनत के शासक हों।”
उन्होंने आगे कहा कि शहर के प्रबुद्ध व्यापारियों के आग्रह पर नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार और अराजकता की शिकायत मंत्री महोदय से की गई, जिस पर मंत्री ने त्वरित संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई की।
आशीष भारद्वाज ने यह भी बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने “दुकान किराया दर” जैसे लंबित मुद्दे पर भी मंत्री एवं विभागीय सचिव का ध्यान आकर्षित कराया है और आशा व्यक्त की कि इस विषय पर भी शीघ्र समाधान निकलेगा।
(रिपोर्ट – जैलैश)