
रिपोर्ट – शैलेश कुमार सिंह/ लेस्लीगंज (पलामू)
लेस्लीगंज प्रखंड के हरसंघरा और चनैगिर गांव के ग्रामीणों ने बरसों से जर्जर पड़ी कीचड़युक्त कच्ची सड़क को स्वयं चंदा इकट्ठा कर और श्रमदान के जरिए दुरुस्त कर दिया। बरसात में सड़क की स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि आवागमन लगभग ठप हो गया था।
स्कूली बच्चों को लेने-ले जाने से स्कूल बस चालक मना करने लगे थे। गर्भवती महिलाओं के लिए तो यह सड़क बड़ी परेशानी का कारण बन गई थी, जिसके चलते कई महिलाएं गांव छोड़ नजदीकी शहर मेदिनीनगर या लेस्लीगंज में किराए के घर में रहने लगीं। बीमारी की स्थिति में मरीजों को हरसंघरा और चनैगिर से खाट पर लादकर बाँसदोहर तक लाना पड़ता था, जहां से उन्हें टेम्पो की सुविधा मिलती थी।
गांववालों ने कई बार जनप्रतिनिधियों से सड़क दुरुस्ती की गुहार लगाई, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला। आखिरकार, ग्रामीणों ने खुद ही समस्या का समाधान करने का निर्णय लिया। उन्होंने आपसी सहयोग और चंदा इकट्ठा कर श्रमदान के माध्यम से सड़क को ठीक किया।
हरसंघरा और चनैगिर प्रखंड मुख्यालय से महज 7-8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं, लेकिन सड़क की बदहाली के कारण लोगों को पीपरा, बाँसदोहर, गेंथा होकर 14-15 किलोमीटर का चक्कर लगाकर आना-जाना पड़ता था। ग्रामीणों की यह पहल अब अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणा बन रही है।