
नई दिल्ली/रांची:
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक और आदिवासी अधिकारों की बुलंद आवाज शिबू सोरेन का सोमवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे और काफी समय से किडनी की बीमारी और ब्रेन स्ट्रोक से जूझ रहे थे। उनके निधन की खबर से झारखंड समेत पूरे देश में शोक की लहर फैल गई है।
जनप्रिय नेता और ‘दिशोम गुरु’ के नाम से पहचाने जाने वाले शिबू सोरेन ने अपना संपूर्ण जीवन आदिवासियों के अधिकार, जंगल-जमीन की रक्षा और अलग झारखंड राज्य की स्थापना के लिए समर्पित कर दिया। उनके योगदान को झारखंड कभी भुला नहीं सकेगा।
राजनीतिक सफर और उपलब्धियां पर एक नजर
शिबू सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना 1972 में की।
यह आंदोलन आदिवासियों के हक और अलग राज्य की मांग को लेकर शुरू हुआ था।
उन्होंने 1980 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद में प्रवेश किया।
वर्ष 2000 में झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद, वे 2005, 2009 और 2010 में राज्य के मुख्यमंत्री बने।
शिबू सोरेन ने केंद्र में कोयला मंत्री के रूप में भी कार्य किया।
उन्हें ‘दिशोम गुरु’ का दर्जा इसलिए मिला क्योंकि उन्होंने आदिवासी समाज के उत्थान और सामाजिक न्याय के लिए जमीनी स्तर पर संघर्ष किया।
उन्होंने झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान, भूमि अधिकार आंदोलन और वन संरक्षण जैसे कई मुद्दों पर आंदोलन चलाया।
कई संघर्षों और राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बावजूद, वे हमेशा आदिवासी अस्मिता और स्वाभिमान के प्रतीक बने रहे।
लोकप्रियता और जनता से जुड़ाव
शिबू सोरेन न केवल एक राजनेता थे, बल्कि झारखंड के जनभावनाओं के प्रतीक भी थे। उन्हें ग्रामीण जनता से विशेष प्रेम और सम्मान प्राप्त था। उनके निधन से झारखंड की राजनीति में एक शून्य उत्पन्न हो गया है, जिसे भर पाना कठिन होगा।
राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े तमाम लोगों ने शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत देशभर के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
झारखंड सरकार ने उनके सम्मान में राजकीय शोक की घोषणा की है। उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव निमरा (बोकारो जिला) में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन पर झारखंड में तीन दिन का राजकीय शोक
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के निधन पर राज्य सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। यह शोककाल 4 अगस्त से 6 अगस्त 2025 तक रहेगा।
इस दौरान झारखंड के सभी सरकारी कार्यालय, संस्थान, निगम और शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। साथ ही, इस अवधि में किसी भी प्रकार के सरकारी आयोजन, समारोह या सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाएगा।