
पलामू जिले के मनरेगा कर्मचारियों ने दुर्गा पूजा जैसे बड़े पर्व पर भी वेतन न मिलने को लेकर कड़ी नाराज़गी जाहिर की है। कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 8 से 10 महीनों से उनका मेहनताना बकाया है, जिससे उनके परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। नतीजतन, जहां चारों ओर त्योहार की रौनक है, वहीं मनरेगा कर्मियों के घरों में मायूसी का माहौल छाया हुआ है।
त्योहार पर उदासी
कर्मचारियों ने बताया कि हर साल दुर्गा पूजा उनके परिवारों में खुशियाँ लेकर आती है, लेकिन इस बार वेतन न मिलने के कारण घरों में सन्नाटा पसरा है। रोज़मर्रा के खर्चे उठाना मुश्किल हो गया है और बच्चों की पढ़ाई व इलाज जैसी बुनियादी जरूरतें भी अधूरी रह रही हैं।
सरकार पर लापरवाही का आरोप
कर्मचारियों ने राज्य सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाते हुए कहा कि ग्रामीण विकास की धुरी माने जाने वाले मनरेगा कर्मियों की समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उनका कहना है कि चुनावी वादों में तो उन्हें तवज्जो दी जाती है, मगर असल ज़रूरत के समय सरकार चुप्पी साध लेती है।
योजनाओं पर असर
कर्मचारियों का मनोबल टूटने से मनरेगा योजनाओं के कार्यान्वयन पर भी असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब ईमानदारी से काम करने वाले कर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिलता, तो स्वाभाविक रूप से कार्य की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
कर्मचारियों की मांगें
- तुरंत बकाया वेतन का भुगतान किया जाए।
- भविष्य में वेतन भुगतान की नियमित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
- समस्याओं का समाधान न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी।
संघ का बयान
पलामू जिला मनरेगा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पंकज सिंह ने कहा, “क्या हमारे लिए दुर्गा पूजा का कोई महत्व नहीं है? सरकार की योजनाएँ हमारे मेहनत से चलती हैं, फिर भी हमें ही अपने हक के लिए तरसना पड़ रहा है। यदि हमारी माँगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो हमें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।”