
बिहार हमेशा से ही अजीब और अनोखी घटनाओं के लिए फेमस रहा है।इस बार पटना जिले के मसौढ़ी प्रखंड से एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहाँ कुत्ते की फोटो भी लगी हुई है और “पिता का नाम: कुत्ता बाबू” और माता का नाम कुटिया देवी लिखा स्थानीय प्रमाण पत्र जारी किया गया है। फोटो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है। यह प्रमाण पत्र डिजिटली साइन किया गया दस्तावेज है और राजस्व विभाग के एक अधिकारी मुरारी चौहान के नाम से स्वीकृत किया गया है, जिससे प्रशासनिक गंभीरता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
जैसे ही यह प्रमाण पत्र वायरल हुआ, लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रशासनिक लापरवाही को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दीं। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जिला प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए दस्तावेज को रद्द कर दिया और डिजिटल हस्ताक्षर भी हटा दिए गए।
पटना के जिलाधिकारी (DM) ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस प्रकार की शर्मनाक गलतियों की पुनरावृत्ति न हो।
यह घटना न केवल सरकारी दस्तावेजों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि डिजिटल प्रक्रिया की निगरानी और कंट्रोल मैकेनिज्म को और मजबूत करने की आवश्यकता की ओर भी संकेत करती है।