
रांची पुलिस द्वारा लोकतंत्र 19 चैनल के संवाददाता तीर्थनाथ आकाश की गिरफ्तारी ने झारखंड में लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। यह सिर्फ एक पत्रकार की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि उस सच को दबाने की कोशिश है जिसे आकाश लगातार उजागर कर रहे थे।
सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने प्रतिक्रिया दी है कि गिरफ्तारी बिना वारंट और बिना किसी पुख्ता केस के की गई, जो कानून के राज पर सीधा प्रहार है। तीर्थनाथ आकाश हाल ही में सूर्या हांसदा के कथित फर्जी एनकाउंटर और रिम्स-2 में आदिवासी जमीन की लूट जैसे संवेदनशील मामलों की रिपोर्टिंग कर रहे थे। इन रिपोर्टों ने राज्य सरकार को असहज कर दिया था, और कई लोग इसे उसी बौखलाहट का परिणाम मान रहे हैं।
इधर घटना का विरोध करते हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने X पर ट्वीट किया है। ट्वीट के माध्यम से उन्होंने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा है।

यह घटना न केवल पत्रकारिता पर हमला है, बल्कि आदिवासी अस्मिता और उनके अधिकारों से भी जुड़ा मुद्दा है। आकाश की रिपोर्टों ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और आदिवासी संसाधनों की कथित लूट को उजागर किया। आलोचकों का कहना है कि सरकार कॉरपोरेट हितों के दबाव में काम कर रही है और जो भी इस सच को सामने लाने की कोशिश करता है, उसे दबाने के लिए पुलिस-प्रशासन का इस्तेमाल किया जाता है।
विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरफ्तारी अभिव्यक्ति की आजादी पर सीधा हमला है, जो भारतीय लोकतंत्र की बुनियाद है। यह घटना हर उस व्यक्ति के लिए चेतावनी है जो सच को सामने लाने की हिम्मत करता है।
गिरफ्तारी के बाद पूरे राज्य भर से पत्रकारों की अलग अलग प्रतिक्रियाएं आ रही है। लगभग सभी पत्रकारों ने उनकी गिरफ्तारी का विरोध किया है।