
केरल ने पहली कक्षा में नामांकन के लिए इंट्रेंस टेस्ट को पूरी तरह बैन कर दिया है। अब बच्चों को पहली कक्षा में नामांकन के लिए परीक्षा नहीं देनी होगी जिसे अमानवीय माना गया है। केरल के शिक्षा मंत्री ने इस तरह की परीक्षाओं को बच्चों पर अत्याचार बताया है। केरल के शिक्षा मंत्री वी शिवकुटी ने निजी विद्यालयों को व्यापार की तरह न चलाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई स्कूल ऐसा करता पाया गया तो उस पर सख्त कारवाई की जाएगी।
इंडिया टुडे ग्रुप में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार आजकल स्कूलों में बच्चे के माता पिता का इंटरव्यू भी लिया जाता है जिसे अब केरल राज्य ने बैन कर दिया है। कई बार अभिभावक दिन रात पढ़ाई करते हैं ताकि वे इंटरव्यू में सफल हो सकें जिससे कि उनके बच्चे का स्कूल में नामांकन हो पाए। केरल के शिक्षा मंत्री ने इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगा दी है।