
छिपादोहर थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में गुरुवार की रात झारखंडी समाज का प्रमुख लोकपर्व करमा पूजा बड़े ही धूमधाम और पारंपरिक श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। छिपादोहर और केड़ पंचायत समेत आसपास के गांवों में महिलाओं, युवाओं और बच्चों की भारी भागीदारी देखी गई। ढोल-नगाड़ों, मांदर की थाप और परंपरागत गीत-संगीत की गूंज से पूरा इलाका देर रात तक उत्सव के रंग में सराबोर रहा।
त्योहार को शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न कराने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। छिपादोहर थाना प्रभारी यकीन अंसारी के निर्देश पर थाना क्षेत्र के प्रमुख चौक-चौराहों और पूजा स्थलों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था सख्त रखी गई। पुलिस बल लगातार गश्त करते रहे। वहीं बरवाडीह अंचल अधिकारी लवलेश कुमार ने कर्मा पूजा को शांति और सौहार्दपूर्ण वातावरण में आयोजित करने के लिए स्थानीय पदाधिकारियों और ग्रामीण प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे।
करमा पूजा आदिवासी समाज के लिए प्रकृति, पर्यावरण और कृषि से गहराई से जुड़ा हुआ पर्व है। इसे हरियाली, फसल की समृद्धि और आजीविका के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। ग्रामीण मान्यताओं के अनुसार इस दिन कर्मा देवता की पूजा करने से परिवार और समाज में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। इस कारण गांव-गांव में महिलाएं उपवास रखकर पारंपरिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना करती हैं और रात्रि में गीत, संगीत और नृत्य के बीच कर्मा कथा का आयोजन किया जाता है।
केड़ पंचायत के उरांव टोला में इस वर्ष करमा पूजा विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। यहां मुखिया अनीता देवी और उनके प्रतिनिधि लालमन उरांव की पहल पर तथा पूर्व मुखिया बिनेश्वर उरांव की अध्यक्षता में पूजा का भव्य आयोजन हुआ। सुबह से ही ग्रामीण जुटने लगे थे और शाम होते-होते पूरा इलाका पूजा स्थल पर एकत्रित लोगों से खचाखच भर गया। युवाओं ने मांदर की थाप पर झूमर और करमा नृत्य प्रस्तुत किया, वहीं महिलाओं ने सामूहिक रूप से पारंपरिक गीत गाए।
पूजा स्थल पर दंडाधिकारी अनिल मिंज, छिपादोहर एएसआई आनंत कुमार, ललन यादव व्यास, मिथुन लोहरा, अरविंद उरांव, अजय सोनी, महेंद्र उरांव, सुखदेव उरांव, सुरेश उरांव, शिवराज उरांव और सुरेंद्र उरांव समेत सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। बड़ी संख्या में महिलाएं पारंपरिक पोशाक और गहनों में सजी दिखाई दीं। बच्चे भी उत्सव का हिस्सा बने और देर रात तक माहौल उल्लासमय बना रहा।
ग्रामीणों ने बताया कि करमा पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह प्रकृति संरक्षण और सामूहिकता का प्रतीक है। इस पर्व के जरिए लोग खेती-बारी, हरियाली और सामाजिक एकता को मजबूत करने का संकल्प लेते हैं।
कुल मिलाकर छिपादोहर थाना क्षेत्र में करमा पूजा का आयोजन शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुआ। प्रशासन की कड़ी निगरानी और ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी से यह पर्व सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सांस्कृतिक धरोहर का संदेश छोड़ गया।
छिपादोहर से पंकज गिरी की रिपोर्ट