
लेस्लीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में शनिवार की सुबह उस वक्त हलचल मच गई, जब सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने सुबह 7:30 बजे बिना किसी पूर्व सूचना के अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस एकल निरीक्षण का उद्देश्य अस्पताल की वास्तविक स्थिति का आकलन करना था।
स्वच्छता पर जताई नाराजगी
निरीक्षण के दौरान डॉ. श्रीवास्तव ने अस्पताल परिसर के हर हिस्से का निरीक्षण किया। उन्होंने बाथरूम की स्थिति पर असंतोष जताते हुए कहा कि स्वच्छता में किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं होगी। सफाई को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए नियमित निगरानी और समयबद्ध निरीक्षण के निर्देश दिए गए।

बेडशीट पर कलर कोडिंग की व्यवस्था
संक्रमण नियंत्रण और मरीजों के लिए बेहतर वातावरण सुनिश्चित करने हेतु डॉ. श्रीवास्तव ने सभी बेड पर रंग-कोडित बेडशीट के उपयोग का निर्देश दिया। यह व्यवस्था आने वाले समय में पूरे जिले के लिए अनुकरणीय हो सकती है।
हाजिरी पर सख्ती
कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच के दौरान उन्होंने पाया कि केवल बायोमैट्रिक उपस्थिति पर्याप्त नहीं है। अब सभी कर्मियों को मैनुअल रजिस्टर में भी हाजिरी दर्ज करनी होगी ताकि जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
सर्पदंश के मरीज के उपचार की प्रशंसा
निरीक्षण के दौरान डॉ. श्रीवास्तव ने बीती रात सर्पदंश के शिकार एक मरीज की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने त्वरित उपचार देने वाले चिकित्सा कर्मियों की सराहना की और मरीज की देखभाल की प्रक्रिया की समीक्षा की।
लापरवाही पर चेतावनी
निरीक्षण के बाद सिविल सर्जन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि
“सरकारी अस्पतालों में मरीजों को सर्वोत्तम सेवा देना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मैं खुद समय-समय पर निरीक्षण करता रहूंगा।”
इस औचक निरीक्षण ने अस्पताल प्रशासन को साफ संदेश दे दिया कि सेवा और व्यवस्था में कोई भी कोताही अब स्वीकार नहीं होगी।