भ्रष्टाचार से जुड़े मनरेगा घोटाले में अभियुक्त और निलंबित IAS अधिकारी पूजा सिंघल को आखिरकार ईडी कोर्ट से जमानत मिल गई है। पूजा सिंघल को यह जमानत भारतीय न्याय संहिता की धारा 479 के तहत मिली है जिसमें यह प्रावधान है कि कोई आरोपित, जिसका पहला अपराध है और उस धारा में होने वाली अधिकतम सजा का एक तिहाई जेल में काट चुका है तो वह जमानत का हकदार होगा। इसी को आधार मानते हुए पूजा सिंघल ने कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी जिसे ईडी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा ने सशर्त मंजूर कर लिया।
कोर्ट ने दो-दो लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें रिहा करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पूजा सिंघल को झारखंड छोड़ने से पहले जांच अधिकारी अनुमति लेनी होगी। पासपोर्ट जमा करना होगा और कोर्ट में प्रत्येक सुनवाई की तिथि पर उन्हें उपस्थित होना होगा। पूजा सिंघल की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, विक्रांत सिन्हा और स्नेह सिंह ने पक्ष रखा।
पूजा सिंघल को ईडी टीम ने मनरेगा घोटाले मामले में पूछताछ के दौरान 11 मई 2022 को गिरफ्तार कर लिया था। तब से वह सलाखों के पीछे है। जेल जाने के क्रम में वह बेहोश भी हो गई थी।