
झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले से एक अनोखी घटना सामने आई है जो पूरी तरह अंधविश्वास से जुड़ी है। झारखंड की हो जनजाति से जुड़े एक पुरानी परंपरा के आधार पर 11 महीने की बच्ची की शादी एक कुत्ते से कराई गई है। दैनिक जागरण में छपी खबर के अनुसार मामला पश्चिम सिंहभूम जिले के चिमिसाई गांव का है। अखबार की रिपोर्ट में लिखा गया है कि कुत्ते की तरह एक के ऊपर एक दांत (कुकुर दांत) होने के कारण बच्ची की शादी एक कुत्ते से कराई गई है। ध्यान देने योग्य बात है कि इस शादी में बैंड, बाजा और बारात की व्यवस्था भी थी।
रिपोर्ट के अनुसार यह एक रश्म है और ऐसा अंधविश्वास है कि यदि यह शादी नहीं कराई गई तो आगे चलकर कन्या के साथ अशुभ हो सकता है। अधिकतर मामलों में यह परंपरा एक स्थानीय मागे परब त्यौहार के दिन की जाती है। इस पूरे कर्मकांड में कुत्ते के नाखून में सिंदूर लगाकर बच्ची की मांग भरी गई है। शादी के बाद कुत्ते को छोड़ दिया जाता है।
हालांकि इस तरह की परंपरा केवल जनजातियों तक सीमित नहीं है बल्कि हिन्दू धर्म में भी कन्या का विवाह कई बार पीपल के पेड़ से कराया जाता है। कई मामलों में पीपल की जगह तुलसी से भी विवाह कराने की परंपरा है।
हालांकि ये सारी क्रियाएं पौराणिक परंपरा और अंधविश्वास से जुड़ी हुई हैं जिसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं होता है।