
पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) क्षेत्र में अवैध लकड़ी कटाई के खिलाफ लगातार चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत वन विभाग को गुरुवार को बड़ी सफलता हाथ लगी। डीएफओ कुमार आशीष के निर्देश पर गारू पूर्वी वन क्षेत्र की विशेष टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की। इस दौरान विभाग ने तीन कुख्यात लकड़ी तस्करों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार किए गए तस्करों की पहचान उदय सिंह (ग्राम-राजहारा), बाबूलाल सिंह (ग्राम-धावाडीह) और सीकेश कुमार सिंह (ग्राम-राजडेरवा) के रूप में हुई है। ये सभी प्रतिबंधित गारू पश्चिमी वन क्षेत्र में घुसकर साल (बीया) की कीमती लकड़ी की कटाई कर रहे थे। लंबे समय से इन पर विभाग की नजर थी। बताया जा रहा है कि ये तस्कर कई बार रात के अंधेरे में चोरी-छिपे जंगलों में घुसकर पेड़ों की अवैध कटाई कर चुके थे और स्थानीय स्तर पर लकड़ी की तस्करी का नेटवर्क चला रहे थे।
छापेमारी के दौरान वन विभाग की टीम ने मौके से इलेक्ट्रॉनिक लकड़ी काटने की मशीन, कुल्हाड़ी, टॉर्च, मोटरसाइकिल और साल की लकड़ी के छह बड़े टुकड़े बरामद किए। जब्त सामान से साफ है कि ये तस्कर बड़े पैमाने पर कटाई की योजना बना रहे थे।
वन क्षेत्र पदाधिकारी उमेश दुबे ने बताया कि गिरफ्तार तीनों तस्कर लंबे समय से जंगल की संपदा को नुकसान पहुंचा रहे थे। उनके खिलाफ वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें लातेहार जेल भेज दिया गया। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि पीटीआर की प्राकृतिक संपदा राज्य और देश की धरोहर है, इसलिए अवैध कटाई करने वालों के खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी अपील की कि ग्रामीण और स्थानीय लोग तस्करों की जानकारी विभाग को दें ताकि जंगलों को बचाया जा सके।
इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व रेंजर उमेश दुबे ने किया। इसमें प्रभारी वनपाल पंकज कुमार पाठक, अमृत कुमार, रूपेश कुमार, वनरक्षक मंजू कुमारी, विशाल कुमार सिंह और विपिन कुमार समेत कई वनकर्मियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। टीम की त्वरित कार्रवाई की सराहना स्थानीय स्तर पर भी की जा रही है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि ऐसे अभियान लगातार चलाए जाएं तो जंगल की अवैध कटाई और तस्करी पर रोक लगाई जा सकती है।
पीटीआर प्रबंधन ने भी साफ किया है कि किसी भी कीमत पर अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग का प्रयास है कि न केवल जंगल की सुरक्षा हो, बल्कि वन्यजीवों और पर्यावरण का संतुलन भी कायम रहे। यह कार्रवाई उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
छिपादोहर से पंकज गिरी की रिपोर्ट