
बुधवार की रात मनातू थाना क्षेत्र के डुमरी पंचायत के केदल गांव में पुलिस और टीपीसी नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में दो पुलिस जवान शहीद हो गए, जबकि एक गंभीर रूप से घायल जवान का इलाज एमआरएमसीएच में पुलिस कप्तान रिष्मा रमेशन की देखरेख में चल रहा है।
घटना के बाद गुरुवार को मनातू थाना में पांच कुख्यात नक्सलियों के विरुद्ध नामजद एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें टीपीसी के टॉप कमांडर और 10 लाख का इनामी शशिकांत गंझू, सुखदेव यादव, नगीना जी, रोहिणी पाहन और पत्थरजी शामिल हैं। इनके अलावा दर्जनभर अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
मुठभेड़ स्थल टीपीसी नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। यही इलाका शशिकांत गंझू का गांव भी है और मुठभेड़ उसके घर से महज 200-250 गज की दूरी पर हुई।
यह इलाका पोस्ता (अफीम) की खेती के लिए भी कुख्यात है। पिछले वर्ष जब पुलिस दल यहां पोस्ता की फसल नष्ट करने गया था, तब भी नक्सलियों ने हमला किया था। इस बार भी खुफिया इनपुट के आधार पर पुलिस अधीक्षक पलामू रिष्मा रमेशन ने अभियान एसपी राकेश कुमार सिंह और हुसैनाबाद एसडीपीओ के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित कर नक्सली कमांडर शशिकांत को पकड़ने की योजना बनाई थी। करमा पर्व पर उसके घर आने की पुख्ता जानकारी के बाद पुलिस टीम को गांव रवाना किया गया था।
हालांकि पुलिस को सफलता नहीं मिली और नक्सली फरार हो गए, लेकिन इस मुठभेड़ में पुलिस बल को भारी नुकसान उठाना पड़ा। पिछले कुछ वर्षों में जिले में नक्सलियों की गतिविधियां लगभग समाप्तप्राय हो गई थीं, लेकिन यह घटना इस बात का संकेत है कि नक्सली अब भी सक्रिय हैं और पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं।
पलामू से द मॉर्निंग प्रेस के लिए जैलेश की रिपोर्ट