
पलामू प्रमंडल के किसान खाद की कमी से बुरी तरह परेशान हैं। किसान कई बार कृषि विभाग के अधिकारियों और जिला उपायुक्तों को अपनी समस्या से अवगत करा चुके हैं, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हो रहा। नतीजा यह है कि कालाबाज़ारी चरम पर है और किसान ऊंचे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं।
सरकारी दर पर मिलने वाला यूरिया 266 रुपये में उपलब्ध होना चाहिए, जबकि बाजार में यह 650 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से बेचा जा रहा है। किसान जब दुकानों पर खाद लेने जाते हैं, तो दुकानदार उन्हें ‘स्टॉक खत्म’ होने का बहाना बनाकर लौटा देते हैं। लेकिन जब वही किसान ऊंची कीमत पर लेने को तैयार होते हैं, तो खाद तुरंत उपलब्ध करा दी जाती है।
किसानों का आरोप है कि दुकानदार गोदामों में खाद छुपाकर रखते हैं और कृत्रिम कमी पैदा कर मुनाफा कमा रहे हैं। गिरेन्द्र सिंह, अशोक सिंह, बृजेश मेहता, कुलदीप यादव समेत दर्जनों किसानों ने बताया कि विभाग को पूरी जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही।
किसानों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि विभागीय अधिकारी सुनने को तैयार नहीं और चुने हुए जनप्रतिनिधियों ने भी अब तक इस गंभीर समस्या पर आवाज़ नहीं उठाई है।
लेस्लीगंज से जैलेश की रिपोर्ट