
चिल्लौन (Chiulaun) नाम के बाज ने मात्र 6 दिनों में लगभग 8,000 किमी की यात्रा की है। अमूर फाल्कन (Amur Falcon) प्रजाति का यह बाज मणिपुर से उड़ते हुए महाराष्ट्र के रास्ते अफ्रीका के मोज़ाम्बिक तक जा पहुंचा। अमूर बाज एक प्रवासी पक्षी (Migratory Birds) है जो सर्दियों के दिनों में लंबी यात्रा करने के लिए जाना जाता है। अपनी यात्रा के दौरान एशिया और अफ्रीका होते हुए यह लगभग 21 देशों से गुजरता है।
एक साल में 22,000 किमी की यात्रा करता है यह पक्षी
इस पक्षी पर रिसर्च करने के बाद कई आश्चर्यजनक तथ्य सामने आए हैं। यह पक्षी एक साल में लगभग 22,000 किमी की यात्रा करता है। लम्बी दूरी तय करने वाले प्रवासी पक्षियों में यह प्रमुख है। यह पक्षी महासागर के ऊपर सबसे लम्बी दूरी तक उड़ने वाला पक्षी भी है। यह बिना रुके नॉनस्टॉप 6,000 किमी की दूरी तय कर सकता है। यह पक्षी मात्र 4 से 5 दिनों में भारत से उड़ते हुए अरब सागर को पार कर अफ्रीका पहुंच जाता है। रिपोर्ट के अनुसार अमूर फाल्कन (बाज) अपने प्रवास की यात्रा के दौरान सितंबर से लेकर नवंबर तक भारत में रहता है। भारत के नॉर्थ ईस्ट स्थित असम, नागालैंड और मणिपुर इन बाजों के लिए हॉटस्पॉट हैं।

नागालैंड में हर साल 1लाख बाजों का शिकार होता है
हाल के वर्षों में इनकी जनसंख्या बहुत तेजी से घटी है। अकेले नागालैंड में एक साल के दौरान 1 लाख से अधिक बाजों का शिकार स्थानीय लोगों के द्वारा किया गया है जो कि पर्यावरण के लिए चिंता की बात है। इंसानों ने पक्षियों के लिए जीवन मुश्किल कर दिया है। हालांकि मणिपुर और नागालैंड स्थित फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने इनके बचाव के लिए कई कदम उठाए हैं। सैटेलाइट आधारित ट्रैकिंग और निगरानी के जरिए इनका बचाव किया जा रहा है।

अमूर फाल्कन के बारे में ..
अमूर फाल्कन जिसे अमूर बाज़ भी कहा जाता है बाज़ परिवार का एक छोटा शिकारी पक्षी है । यह दक्षिण-पूर्वी साइबेरिया और उत्तरी चीन में प्रजनन करता है और फिर बड़े झुंडों में भारत और अरब सागर के पार प्रवास करता है। यह पक्षी दक्षिणी और पूर्वी अफ़्रीकी तटों पर सर्दियाँ बिताता है। इनके प्रवास पैटर्न पर फिलहाल भारत के अलावा कई देशों में शोध कार्य जारी है।
यह रिपोर्ट डॉ. आर सुरेश की टेक्निकल रिपोर्ट पर पूर्णतः आधारित है। डॉ. आर सुरेश वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट और इंडिया देहरादून में वन्यजीव वैज्ञानिक हैं और लगातार इस विषय पर रिपोर्ट लिखते रहे हैं