
झारखंड। अनुसूचित जनजाति (ST) की सूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर झारखंड के कुड़मी समुदाय ने आज राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान आंदोलनकारियों ने रेलवे पटरियों पर उतरकर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया, जिससे राज्यभर में रेल सेवाएं बाधित हो गईं।
सबसे अधिक असर चंद्रपुरा, राय, पारसनाथ और अन्य प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर देखा गया, जहां हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा होकर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों ने साफ किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
इस आंदोलन को राजनीतिक समर्थन भी मिला। आजसू पार्टी (AJSU) और उसके नेता सुदेश महतो ने भी कुड़मी समुदाय की मांगों का समर्थन किया और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर प्रदर्शन में भाग लिया। सुदेश महतो ने कहा कि कुड़मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलना उनका हक है और राज्य तथा केंद्र सरकार को उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
रेल यातायात बाधित होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई ट्रेनें घंटों तक विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी रहीं और लंबी दूरी की गाड़ियों का शेड्यूल बिगड़ गया।
कुड़मी समुदाय लंबे समय से अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने की मांग करता आ रहा है। उनका कहना है कि ऐतिहासिक रूप से उन्हें आदिवासी माना गया है और सरकार को तत्काल उनके संवैधानिक अधिकार बहाल करने चाहिए।
प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन अलर्ट रहा। रेलवे स्टेशनों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके। हालांकि आंदोलन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन इसका व्यापक असर पूरे राज्य की रेल व्यवस्था पर पड़ा।