
प्रखंड मुख्यालय स्थित राजकीयकृत +2 उच्च विद्यालय परिसर में सोमवार को शहीद रूपेश सिंह का 21वां शहादत दिवस श्रद्धा और भावनाओं के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सीआरपीएफ के जवानों के साथ विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राएं और शहीद के परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत शहीद रूपेश सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर की गई। वक्ताओं ने उनके साहस और बलिदान को याद करते हुए कहा कि शहीद रूपेश ने राष्ट्र और समाज की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए थे। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट उमाकांत ओझा ने संबोधित करते हुए कहा कि शहीदों के बलिदान को भुलाना समाज के लिए सबसे बड़ी भूल होगी। नई पीढ़ी को उनके आदर्श और त्याग से परिचित कराना हम सभी का कर्तव्य है।

विद्यालय के प्राचार्य अमरेश कुमार सिंह और शिक्षक विजय प्रकाश सिंह ने भावुक होते हुए कहा कि शहीद रूपेश इसी विद्यालय के छात्र थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने सेना में भर्ती होकर देशसेवा का संकल्प लिया। यह संयोग है कि 9 सितंबर को ही उनका जन्मदिन और शहादत दिवस दोनों पड़ता है। 21 वर्ष पूर्व इसी दिन अपने साथियों शांतनु सरकार और पवन कुमार के साथ छुट्टी पर जाने वाले जवानों को सुरक्षित स्टेशन छोड़ने के दौरान वे आतंकियों के हमले का शिकार हुए थे। आतंकवादियों ने सेना की गाड़ी को निशाना बनाकर आईईडी विस्फोट किया था, जिसका उद्देश्य जवानों को मारकर उनके हथियार छीनना था। लेकिन जवानों की बहादुरी के आगे उनकी साजिश पूरी तरह नाकाम हो गई।

इस मौके पर शहीद के परिजनों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उपकमांडेंट उमाकांत ओझा, इंस्पेक्टर यशवीर सिंह, एसआई एसएन पाठक, हवलदार अखिलेश कुमार, विद्यालय परिवार और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।