
बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने और सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने के आरोप में वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। अजीत अंजुम राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित पत्रकार हैं और अपना यूट्यूब चैनल चलाते हैं, उनपर भारतीय न्याय संहिता 2023 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
मामला उस वक्त का है जब अंजुम 12 जुलाई को बलिया स्थित एक मतदान केंद्र का दौरा करने पहुंचे थे। उन्होंने वहां कई नामांकन फॉर्म पाए, जिनमें से कुछ पर फोटो नहीं था, कुछ अधूरे भरे हुए थे और कुछ पर हस्ताक्षर भी नहीं थे।
इस संबंध में बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) मोहम्मद अंसारुल हक ने शिकायत दर्ज कराई। एफआईआर में उन्होंने लिखा, “मैं, मोहम्मद अंसारुल हक, बीएलओ, भाग संख्या 16145, साहिबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र, 12 जुलाई 2025 को बलिया के ब्लॉक ऑडिटोरियम में बीएलओ ऐप के माध्यम से मतदाता फॉर्म अपलोड कर रहा था। इसी दौरान करीब सुबह 9:30 बजे यूट्यूबर अजीत अंजुम अपने कुछ सहयोगियों और कैमरामैन के साथ बिना अनुमति के ऑडिटोरियम में घुस आए। उन्होंने मुझसे मेरे बूथ के मतदाताओं की संख्या, वितरित और वापस आए फॉर्म की संख्या आदि को लेकर सवाल-जवाब करना शुरू कर दिया।”
अंजुम पर आपराधिक घुसपैठ, सरकारी आदेश की अवहेलना, सरकारी कार्य में बाधा डालने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धाराओं के तहत भी कार्रवाई की गई है।
उधर, अजीत अंजुम ने अपने बचाव में कहा कि वे वहां जनता के हित में गड़बड़ियों को उजागर करने गए थे और उनके पास फॉर्मों की अनियमितताओं के पर्याप्त प्रमाण हैं। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।