
पलामू टाइगर रिज़र्व क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण भारी तबाही मच गई है। नदियों में आए उफान के चलते कई पुलों पर पानी भर गया है, जिससे कई सड़क मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गए हैं। बेतला नेशनल पार्क को गारु, महुआडांड़ और नेतरहाट से जोड़ने वाली सड़क पूरी तरह प्रभावित हो चुकी है।
लगातार हो रही बारिश के कारण आस पास के गांवों में कई घर जलमग्न होकर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि कई लोगों के घरों की छत बारिश के कारण ढह गई है। मजबूरी में लोग अपने पड़ोसियों के घरों में शरण लेने को विवश हो गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में बेतला, छिपादोहर और बरवाडीह जैसे इलाके शामिल हैं जहां जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे जलभराव वाले पुलों और रास्तों से न गुजरें और इस दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें।
इसके साथ ही, पलामू टाइगर रिज़र्व में रहने वाले वन्यजीवों का जीवन भी इस प्राकृतिक आपदा से काफी प्रभावित हुआ है। कई जानवरों के आवास पानी भरने के कारण नष्ट हो गए हैं और उनके भोजन व सुरक्षा की स्थिति भी खतरे में आ गई है। कुछ जगहों पर जरूरत के अनुसार प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी है लेकिन लगातार बारिश के कारण समस्याएँ और बढ़ सकती हैं।

लगातार हो रही बारिश के कारण आस पास के गांवों में कई घर जलमग्न होकर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि कई लोगों के घरों की छत बारिश के कारण ढह गई है। मजबूरी में लोग अपने पड़ोसियों के घरों में शरण लेने को विवश हो गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में बेतला, छिपादोहर और बरवाडीह जैसे इलाके शामिल हैं जहां जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे जलभराव वाले पुलों और रास्तों से न गुजरें और इस दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें।
इसके साथ ही, पलामू टाइगर रिज़र्व में रहने वाले वन्यजीवों का जीवन भी इस प्राकृतिक आपदा से काफी प्रभावित हुआ है। कई जानवरों के आवास पानी भरने के कारण नष्ट हो गए हैं और उनके भोजन व सुरक्षा की स्थिति भी खतरे में आ गई है। कुछ जगहों पर जरूरत के अनुसार प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी है लेकिन लगातार बारिश के कारण समस्याएँ और बढ़ सकती हैं।