
रिपोर्ट – जैलेश
तरहसी, पलामू: इसे प्रशासनिक उदासीनता कहें या देश के लिये शहीद होने वालों के प्रति सरकार की उदासीनता। शहादत के 30 साल बाद पलामू के सपूत वीर विश्वनाथ सिंह को उनके शहादत का सम्मान मिला है और उनके पैतृक गांव टंडवा नौगढ़ में आदमकद प्रतिमा का निर्माण कराया गया है। शहीद विश्वनाथ के 30 वें शहादत दिवस पर कल शनिवार को उनके प्रतिमा का अनावरण क्षेत्र के सांसद कालीचरण सिंह और पांकी विधायक डॉ शशिभूषण मेहता संयुक्त रूप से करेंगे।
शहीद विश्वनाथ सिंह आज से 30 वर्ष पूर्व 27 मार्च 1996 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए थे। तब की सरकार कोरम पूरा कर इस शहीद सैनिक की शहादत को भुला दिया था। परिवार के सदस्य भी नियति मानकर जैसे तैसे अपनी जिंदगी जीने के लिए विवश रहे। हालांकि तब परिवार के सदस्यों ने सरकार के सामने वीर विश्वनाथ सिंह के शहादत को सम्मान दिलाने के लिये काफी भागदौड़ किया , किन्तु सिस्टम के सामने थक हार कर उम्मीद ही छोड़ दिया था। भला हो क्षेत्र के मुखिया पाइनर पांडेय(विजयशंकर पांडेय), विधायक शशिभूषण मेहता और संवेदनशील सांसद कालीचरण सिंह के साथ साथ क्षेत्र के उन संवेदनशील ग्रामीणों, बुद्धिजीवियों और डॉ भीम प्रभाकर जी का जिनकी मेहनत और लगन से शहीद को 30 साल बाद ही सही लेकिन सम्मान मिला और उनके जन्मस्थली टंडवा नौगढ़ में आदमकद प्रतिमा का निर्माण पूरा हो चुका है।यह प्रतिमा आज के युवाओं के साथ साथ आनेवाले पीढ़ियों को भी देश ki सेवा के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा.